Sectoral Vision – क्षेत्रीय दृष्टि

की प्राथमिकताएं क्षेत्रीय दृष्टि

  • अपराधों पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति, साथ ही कानून एवं व्यवस्था की कार्यप्रणाली में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप/दखलअंदाज़ी नहीं होगी।
  • कानून व्यवस्था की मज़बूती से चाबीस घंटे रेटिंग और इससे जुड़े पदाधिकारियों का भी ऑनलाइन आकलन होगा।
  • पुलिस किसी भी प्रकार का चालान अदालत में 3 माह के बाद जमा नहीं करवा पाऐगी यानि इसी समयावधि में जमा करवाना होगा। जमा न करवा पाने की स्थिति में अदालत से विशेश स्वीकृति लेना आवश्यक होगा।
  • सभी पुलिस थानों में परामर्श एवं बातचीत की प्रक्रिया का अनुसरण किया जाऐगा ताकि शिक़ायतों का निपटारा त्वरित और बिना कानूनी पेचिदगियों के संभव बनाया जा सके।
  • सामुदायिक पुलिस एवं सामुदायिक सद्भाव हेतु बढ़ावा देना।
  • समस्त जनसेवा के लिए केवल एक इलेक्ट्रिक कार्ड बनेगा जिससे सेवाओं के लिए अलग-अलग कार्ड उठाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
  • प्रत्येक नागरिक के लिए स्वास्थ्य बीमा की अनिवार्यता होगी जिसमें एक निष्चित आयु के बाद निःशुल्क स्वास्थ्य उपचार भी संभव होगा।
  • क्षेत्रिय अस्पतालों के स्तरोन्नत एवं उत्थान हेतु बेहतर उपकरणों एवं विषेषज्ञों द्वारा दुरुस्त किया जाऐगा। सामान्य स्तर के उपचार के लिए गांव से शहर आने की आवश्यकता न रहे ।
  • बीमा कवरेज़ स्तर पर निःशुल्क चिकित्सा सुविधा।
  • सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल एवं उचित जीवन शैली को बढ़ावा दिया जाऐगा।
  • केवल जनऔषधी दवाईयों के इस्तेमाल पर स्वीकृति होगी।
  • राज्यों को शराब, तबाकु एवं मादक पदार्थ मुक्त किया जाऐगा।
  • एक निश्चित समायावधि में सभी की स्वास्थ्य जांच एवं उपचार अनिवार्य होगा।
  • निरीक्षण प्रक्रिया को दण्डात्मक न बनाकर सुधारात्मक बनाने का प्रयास किया जाऐगा।
  • समस्त नियामक एवं अनुपालन प्रक्रियाऐं स्वचालित मोड़ पर ऑनलाइन होगी।
  • पंचायत स्तर पर सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु स्थान निर्धारण करना।
  • समस्त विकास खण्डों में बड़ी परियोजनाओं के लिए औद्यौगिक स्थलों को विकसित किया जाएगा।
  • पर्यटन, ईको फ्रैंडली सेवाओं, आईटी और कृषि आधारित उद्योग को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जाएगा।
  • उद्योगों के लिए ज़मीन आबंटन का तीन माह के अंदर निर्णय हेतु सरलीकरण किया जाएगा।
  • पर्यावरण के लिए ख़तरनाक बन चुके उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।
  • उद्योगों के लिए बेहतर आधारभूत संरचना हेतु प्रयास।
  • समस्त नागरिकों के लिए रैन बसेरा, भोजन, वस्त्र और जल को प्रदान करने की गारंटी ।
  • आर्थिक आधार पर आरक्षण को बढ़ावा दिया जाऐगा ।
  • एक राष्ट्रीय सुरक्षा कोष की स्थापना होगी जिसमें वैश्विक स्तर पर भी योगदान स्वीकार किया जाएगा ।
  • वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, किसी भी प्रकार की मानसिक/षारीरिक रुप से अक्षमता लिए हुए लोगों के लिए पंेशन और अन्य सुविधाओं के लाभ बिना कोई प्रार्थना पत्र भरे स्वतः सामाजिक सुरक्षा कवरेज के अंतर्गत घर पर ही प्राप्त होंगे ।
  • पॉस्को मुकद्मों का तीव्रता से निवारण होगा ।
  • बलात्कार एवं बाल शोषण के मामलों में पीड़ितों के सामाजिक पुर्नउत्थान एवं पुनर्वास के लिए योजनाबद्ध तरीके से तीव्रता से समाधान किया जाऐगा ।
  • पुनर्वास की पहल से सड़क पर बैठने वाले भिखारियों को बसाने और लघु उद्यम की योजना से जोड़कर संबल करने का योजनाबद्ध तरीेके से काम होगा ।
  • प्रत्येक नागरिक को जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा की अनिवार्यता होगी ।
  • विवाह के तुरंत बाद प्राथमिकता के आधार पर पति की जायदाद में पत्नी का बराबर का हिस्सा कानूनन कर दिया जाऐगा ।
  • एकल महिला को समस्त आधारभूत सुविधाओं एवं अधिकारों के साथ पुनर्वास की प्रक्रिया से संबल किया जाऐगा ।
  • प्रत्येक घर से सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में एक स्थाई रोजगार की गारंटी होगी जो कि व्यक्ति के कौषल पर निर्भर होगा ।
  • पहले उद्यमों की स्थापना की जाऐगी उसके बाद आवश्यकता के आधार पर कला-कौषल का विकास प्रषिक्षण द्वारा किया जाएगा ।
  • इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा प्रशिक्षित एवं कुषल व्यक्ति को उसके कौशल के अनुसार सेवा क्षेत्र में अवसर प्रदान किया जाएगा ।
  • इसके अतिरिक्त स्थानीय युवाओं को रोजगार के अन्य विकल्पों पर शर्तिया रोजगार के अवसर प्रदान किये जाऐंगे जिसके तहत एक वर्ष के अंदर प्रत्येक पंचायत में 15 युवाओं को रोजगार मिलेगा ।
  • समय बचत खाता पद्धति को बढ़ावा देने का प्रयास होगा ताकि सेवाओं के हस्तांतरण में लोगों की अधिकतम कार्य उत्पादकता प्राप्त की जा सके ।
  • सड़क दुर्घटनाओं मंे अहम अंधे मोड़ प्राथमिकता के आधार पर खोले जाऐंगे ताकि इससे बचा जा सके ।
  • पैराफिट्स के प्रावधान के बिना कोई भी पहाड़ी सड़क स्वीकृत नहीं की जाऐगी ।
  • दो वर्षों में एक तरफा सड़कों को 4 फीट से अधिक चौड़ा कर दिया जाऐगा जो कि बसों के चलने योग्य हो सके।
  • तीव्र मोड़ को ख़त्म कर दिया जाऐगा और कम से कम मोड़ रखने की नीति पर कार्य किया जाऐगा ।
  • सड़क के दोनों ओर पौधारोपण को प्राथमिकता के आधार पर अनिवार्य किया जाएगा ।
  • मौसम कैसा भी हो, सड़कों की मुरम्मत और रख-रखाव बिना किसी रुकावट के हर मौसम में दुरुस्त रखा जाएगा ।
  • सभी परिवहन बसों को ए सी में तबदील किया जाएगा साथ ही उसमें सोने और शौचालयों की व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया जाएगा ।
  • चौबीस घंटे सोलर आधारित स्ट्रीट लाइट्स को लगवाने की अनिवार्यता तथा रास्तों एवं संपर्क सड़कों में नालियों की व्यवस्था की जाऐगी ।
  • समस्त उपलब्ध संरचनाओं/मकान आदि को एक बार स्वीकृति लेनी होगी और उनका बीमा आदि भी अनिवार्य कर दिया जाएगा ।
  • प्रत्येक संरचना से पूर्व उसके स्थाईत्व के लिए आवष्यक टैस्ट अनिवार्य होंगे और इसके लिए सुदृढ़ीकरण के तरीकों को अपनाया जाएगा ।
  • प्रत्येक संरचना के लिए कुछ आदर्ष पैमाने होंगे जिनमें संरचना की उंचाई, उसका डिजाइन आदि भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार ही मान्य होगा ।
  • मकान बनाने के लिए नियम-कायदों पर सख़्ती से निर्णय होंगे ताकि मूलभूत सुविधाओं एवं अन्य विकासात्मक कार्यों पर विपरीत प्रभाव न पड़े । इसमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्यों को करवाने की स्वीकृति मिलेगी ।
  • शहरों में छोटे एवं अनियोजित बने मकानों को गिरा कर वहां उच्च तकनीक आधारित भूकंपरोधी बड़े मकानों के निर्माण पर ज़ोर दिया जाऐगा ।
  • स्मार्ट सिटी में होर्डिंग/साइनेज़ और चिकित्सीय सुविधाओं के लिए उचित व्यवस्था होगी ।
  • गांव के समग्र विकास के लिए शहरों की तर्ज़ पर ही योजना तैयार की जाऐगी ।
  • प्रत्येक घर में हर मौसम में परीक्षण किया हुआ पेयजल प्राप्त होगा ।
  • उपलब्ध जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग कृषि सिंचाई में किया जाएगा, साथ ही उन संसाधनों को पुनर्जीवन देने के प्रयास किए जाऐंगे ।
  • जल व्यवस्था में स्थानीय ग्राम पंचायतों को सामुदायिक आधारित योजनायें ग्रहण करने, सेवा प्रदान करने एवं स्थाईत्व प्रदान करने की शक्तियां प्रदान की जाऐगी ।
  • सभी के लिए वर्षा जल संग्रहण को अनिवार्य किया जाएगा ।
  • पर्यटन ट्रैक, पर्यटक गंतव्यों, कैंपिंग साइट, धार्मिक पर्यटन, अध्यात्मिक पर्यटन, ईको-पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन को हरसंभव ग्रहण किया जाएगा तथा इसको बढ़ावा देकर राज्यों को आर्थिक रुप से सषक्त करने का प्रयास होगा ।
  • होम स्टे, पर्यटन गतिविधियों, टक्सी सेवाओं और इससे जुड़ी सेवाओं के लिए तकनीक आधारित प्रारुप एवं प्रक्रियाओं को अपनाया जाऐगा जिसमें सुरक्षा एवं गुणवत्ता आधारित सेवाओं को प्राप्त किया जा सकेगा ।
  • आधारभूत संरचना जैसे कि सड़कों, स्वच्छता, विद्युतीकरण और हरियाली आदि के लिए मज़बूत प्रयास होंगे।
  • पारंपरिक कला, संस्कृति एवं उत्सवों को बढ़ावा दिया जाएगा ।
  • कृषि को उद्योग के समान ही सहयोग दिया जाऐगा।
  • न्यूनतम समर्थन मुल्य को फसलों की कुल उत्पादन लागत की दोगुनी आधार पर तय करने का तंत्र विकसित किया जाऐगा।
  • फसलों के न्यूनतम समर्थन मुल्य को ध्यान में रखते हुए किसानों एवं फसलांे के दामों पर कार्य हेतु उद्योगपतियों के साथ बहु कृषि आधारित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं उद्योगों को स्थापित किया जाऐगा।
  • धीरे-धीेरे जैविक खेती की ओर ही पूर्णतः प्रयास किए जाऐंगे ।
  • किसानों की समस्याओं के समाधान एवं सहयोग के लिए ज़िला स्तरीय निगमों की स्थापना की जाऐगी और किसानों के लिए उन्नत कृषि हेतु प्रशिक्षण, बीज, मिट्टी जांच, वित्तिय सहायता एवं फसलों का रखरखाव आदि पर सेवाऐं प्रदान की जाऐगी।
  • किसानों को व्यवसायिक बैंक लोन से मुक्त किया जाऐगा और वित्तिय प्रबंधन का जिम्मा ज़िला स्तरीय निगमों के माध्यम से समन्वित किया जाऐगा साथ ही वसूली भी इसी माध्यम से की जाऐगी।
  • शैक्षणिक स्तर पर अव्वल रहने वाले छात्रों को बेहतरीन सुविधाओं के साथ शिक्षण क्षेत्र में अवसर प्रदान किए जाऐंगे।
  • सरकारी एवं निजी स्कूलों में 12वीं तक निःषुल्क एवं एक समान स्तर की शिक्षा का प्रावधान होगा।
  • सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों की संरचनात्मक एवं तौर-तरीकों को एक समान करने व स्तरोन्नत करने के प्रयास प्राथमिकता के आधार पर होंगे।
  • समस्त शिक्षण संस्थानों के तहत संसाधनों, संरचना, अध्यापकों एवं शिक्षण के तौर तरीकों में गुणवत्ता आधारित उन्नयन प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।
  • अध्यापकों का प्रशिक्षण एवं जवाबदेही को सुनिश्चित बनाया जाऐगा।
  • शिक्षण व्यवस्था में चरित्र निर्माण, भारतीय संस्कृति, जीवन कौशल एवं इंसान के मस्तिष्क को अधिक रचनात्मक बनाने के लिए पहल एवं प्रयास होंगे।
  • कम आयु में कौशल प्रशिक्षण को उद्योगों या उद्यमों में इंटर्नशिप प्राथमिकता के आधार पर अनिवार्य बनाने की पहल होगी।
  • स्कूल की शिक्षा के समाप्त होने एवं एनसीसी करने के बाद दो वर्षों के लिए सेना ईकाइयों के साथ संबद्धता अनिवार्य होगी।
  • सरकारी विद्यालयों में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए पीपीपी मोड़ पर संचालित किया जाएगा।
  • किसी भी परियोजना को आरंभ करने से पहले वृ़क्ष कटान की वन विभाग द्वारा स्वीकृति इसी शर्त पर मिलेगी जब कटान से दस गुणा से अधिक पौधे लगाए जाऐंगे ।
  • ग्राम पंचायतों एवं अन्य क्षेत्रों में वनीकरण के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा दिया जाऐगा जिसे वृक्ष अंकण तकनीक के आधार पर पूरा किया जाएगा ।
  • जैव-विविधता संरक्षण योजना को बढ़ावा दिया जाऐगा ।
  • जंगलों में लगने वाली आग से सुरक्षा हेतु स्थाई समाधान के लिए योजना एवं उसके क्रियान्वयन की ओर सार्थक पहल।
  • समस्त अतिक्रमित भूमि को खाली करवा कर विभागों को उसके उपयोग के लिए आंबंटित कर दिया जाएगा।
  • विशेश रुप से पहाड़ी क्षेत्रों मंे टी डी के आबंटन हेतु प्रार्थना पत्रों पर विचार 100 पौधों के पौधारोपरण के एवज में ही किया जाऐगा।
  • भू-स्ख़लन का स्थाई हल प्राथमिकता के आधार पर तकनीक आधारित किया जाऐगा ।
  • किसी भी परियोजना के निर्माण में व्यर्थ हुई मिट्टी को कृषि उपयोग में लाया जाएगा ।
  • भूमि/राजस्व अभिलेखों/रिकॉर्ड प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा और स्वचालित फार्मुले पर स्व-व्यवस्थित करने का प्रयास होगा ।
  • पर्यावरण सम्बन्धि कानूनों का सख़्ती से पालन करना और इसकी सुरक्षा में आवश्यकतानुसार क़दम उठाना ।
  • खनन एवं सड़क निर्माण के कार्यों में उच्च तकनीक का सहारा लेना ताकि पारिस्थितिक एवं पर्यावर्णीय असंतुलन को रोका जा सके ।
  • उन उद्योगों की पहचान करना जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उसके लिए समाधान निकालने का प्रयास कर उसका विकल्प तलाष करना ।
  • पौधारोपण अभियान को भव्य स्तर पर करने के अलावा इसे जीवन शैली बनाकर अनिवार्य कर दिया जाएगा ।
  • नदी और नालों पर छोटे-मध्यम आकार के जल डैम, चैक डैम लगाकर पानी के बहाव को रोका जाऐगा ताकि उपजाऊ मिट्टी बहकर न निकल जाए । इससे भूस्ख्लन भी रुकेगा और डैम के आसपास पर्यावरण को आवष्यक पानी की मात्रा की कमी भी पूरी हो जाएगी । इतना ही नहीं, इस प्रकार के प्रयासों से मृत हो रहे प्राकृतिक जल स्रोत भी पुनः जीवित होंगे तथा भू जल स्तर में बढ़ौतरी होगी ।
  • मुकद्दमां शीघ्रता से निपटारा कार्यक्षमता की रेटिंग को प्रभावित करेगा ।
  • मुकद्दमांें को समायावधि में निष्कर्ष तक पहुंचाने के आधार पर निरीक्षण अधिकारी, अभियोक्ता, अधिवक्ताओं एवं न्यायधीषों का आकलन होगा ।
  • अदालत मंे समस्त खाली पड़े पदों पर न्यायधीषों की प्राथमिकता के आधार पर भर्तीयां होगी।
  • जो मुकद्दमें 3 वर्षों से विचाराधीन हैं, उनको एक वर्ष के अंदर निपटाया जाऐगा ।
  • कानूनी मसलों से संबद्ध लोगों को आवष्यक प्रषिक्षण एवं उन्नमुखीकरण हेतु प्रयास होंगे ।
  • महिला उत्पीड़न, बाल एवं महिला अत्याचारों के मुकद्मों का 6 माह के अंदर निपटारा होगा।
  • न्यायिक प्रक्रियाओं के विकेन्द्रीकरण को बढ़ाने के प्रयास होंगे तथा निर्णय के स्थान पर न्याय की पद्धति को अपनाने पर ज़ोर दिया जाऐगा ।
  • प्रत्येक घर को सोलर विद्युत से जोड़ने की तकनीक को विकसित किया जाऐगा और अधिक से अधिक सोलर प्लांट इज़ाद करने की योजना को बढ़ावा दिया जाएगा ।
  • सभी शहरों, नगरों एवं उप-नगरों में बिजली की तारों को भूमिगत किया जाएगा ।
  • सभी विद्युत प्रभाग राजस्व आय एवं सेवाओं के मामलों में आत्म निर्भर बनाए जाऐंगे ।
  • प्रत्येक घर में यह प्रयास होगा कि वो अपनी बिजली को लघु संयत्र संचालित कर विद्युत पैदा करे जो उसके परिवार के लिए पर्याप्त हो ।
  • बायो मास आधारित ऊर्जा/विद्युत पैदा की जाएगी और इसे मॉडल के रुप में लोगों को प्रदर्शित भी किया जाएगा ।
  • अधिकतर सेवाओं में तकनीक का अधिकतम उपयोग संभव बनाया जाएगा ।
  • रियल टाइम डाटा के माध्यम से समस्त योजनाओं को संबद्ध करने एवं पारदर्शिता के लिए सभी सेवाओं को स्वचालित मोड पर लाया जाएगा ।
  • विभागों में फाइलों की औपचारिकताओं में सेवाओं का नुकसान बचाने के उद्देश्य से समस्त जानकारी एवं कार्य विभागों के सामान्य पोर्टल पर प्राप्त होगा ।
  • अनावश्यक पत्राचार से मुक्ति मिलेगी ।
  • अधिकतम जानकारी को पब्लिक डोमेन पर साझा किया जाएगा । इससे आरटीआई में लगने वाले समय की बचत होगी और इस वातावरण को समाप्त किया जाऐगा ।
  • तीन वर्ष के अंदर सभी के लिए आवास की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाएगा ।
  • आश्रयहीन लोगों के लिए कम कीमत के बेहतर स्मार्ट घरों के निर्माण पर स्वीकृति होगी ।
  • सभी घरों में बिजली-पानी की उपलब्धता की अनिवार्यता होगी ।
  • आवास का शहरी तर्ज़ पर आधुनिकीकरण किया जाऐगा और किराए के मकानों का किराया भी इसी आधार पर तय होगा।
  • समस्त ग़ैर स्वीकृत मकानों को आवष्यक शर्तों को पूरा करने के बाद एक समय में एक साथ स्वीकृति दी जाऐगी ।

Strategic Change Conceptual Framework

Facilitating Governance | Developmental Planning | Technology | Perks & Privileges for Elected people | Responsibilities of Legislators | No opposition for sake of Opposition in Legislature | Responsibilities of Functionaries | Human Resource Management | Service Delivery at Home | Quarterly Reviews | Rotating Leadership | Rationalizing Pension plan for Elected Representatives | Public Private Partnership | Real Time Data – Periodic Updated Data | Field Projects Monitoring | Right to Recall | Fixed Timeline for all affairs | Enhanced Accountability of Citizens

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